है नमन उनको, कि जो यश-काय को अमरत्व देकर
है नमन उनको, कि जो यश-काय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े, पर आसमानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जो यश-काय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं...
पिता, जिसके रक्त ने उज्ज्वल किया कुल-वंश माथा,
मां वही, जो दूध से इस देश की रज तोल आई...
बहन, जिसने सावनों में भर लिया पतझड़ स्वयं ही,
हाथ न उलझें कलाई से, जो राखी खोल लाई...
बेटियां, जो लोरियों में भी प्रभाती सुन रही थीं,
पिता, तुम पर गर्व है, चुपचाप जाकर बोल आईं...
प्रिया, जिसकी चूड़ियों में सितारे से टूटते थे,
मांग का सिंदूर देकर, जो उजाले मोल लाई...
है नमन उस देहरी को, जहां तुम खेले कन्हैया,
घर तुम्हारे, परम तप की राजधानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय...
हमने लौटाए सिकंदर, सिर झुकाए, मात खाए,
हमसे भिड़ते हैं वे, जिनका मन धरा से भर गया है...
नर्क में तुम पूछना अपने बुज़ुर्गों से कभी भी,
उनके माथे पर हमारी ठोकरों का ही बयां है...
सिंह के दांतों से गिनती सीखने वालों के आगे,
शीश देने की कला में, क्या अजब है, क्या नया है...
जूझना यमराज से आदत पुरानी है हमारी,
उत्तरों की खोज में फिर एक नचिकेता गया है...
है नमन उनको, कि जिनकी अग्नि से हारा प्रभंजन,
काल-कौतुक जिनके आगे पानी-पानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय...
लिख चुकी है विधि तुम्हारी वीरता के पुण्य लेखे,
विजय के उद्घोष, गीता के कथन, तुमको नमन है...
राखियों की प्रतीक्षा, सिंदूर-दानों की व्यथा,
ओ, देशहित-प्रतिबद्ध यौवन के सपन, तुमको नमन है...
बहन के विश्वास, भाई के सखा, कुल के सहारे,
पिता के व्रत के फलित, मां के नयन, तुमको नमन है...
कंचनी तन, चांदनी मन, आह, आंसू, प्यार, सपने,
राष्ट्र के हित कर गए सब कुछ हवन, तुमको नमन है...
है नमन उनको, कि जिनको काल पाकर हुआ पावन,
है नमन उनको, कि जिनको मृत्यु पाकर हुई पावन...
शिखर जिनके चरण छूकर, और मानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े, पर आसमानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जो यश-काय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय...
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े, पर आसमानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जो यश-काय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं...
पिता, जिसके रक्त ने उज्ज्वल किया कुल-वंश माथा,
मां वही, जो दूध से इस देश की रज तोल आई...
बहन, जिसने सावनों में भर लिया पतझड़ स्वयं ही,
हाथ न उलझें कलाई से, जो राखी खोल लाई...
बेटियां, जो लोरियों में भी प्रभाती सुन रही थीं,
पिता, तुम पर गर्व है, चुपचाप जाकर बोल आईं...
प्रिया, जिसकी चूड़ियों में सितारे से टूटते थे,
मांग का सिंदूर देकर, जो उजाले मोल लाई...
है नमन उस देहरी को, जहां तुम खेले कन्हैया,
घर तुम्हारे, परम तप की राजधानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय...
हमने लौटाए सिकंदर, सिर झुकाए, मात खाए,
हमसे भिड़ते हैं वे, जिनका मन धरा से भर गया है...
नर्क में तुम पूछना अपने बुज़ुर्गों से कभी भी,
उनके माथे पर हमारी ठोकरों का ही बयां है...
सिंह के दांतों से गिनती सीखने वालों के आगे,
शीश देने की कला में, क्या अजब है, क्या नया है...
जूझना यमराज से आदत पुरानी है हमारी,
उत्तरों की खोज में फिर एक नचिकेता गया है...
है नमन उनको, कि जिनकी अग्नि से हारा प्रभंजन,
काल-कौतुक जिनके आगे पानी-पानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय...
लिख चुकी है विधि तुम्हारी वीरता के पुण्य लेखे,
विजय के उद्घोष, गीता के कथन, तुमको नमन है...
राखियों की प्रतीक्षा, सिंदूर-दानों की व्यथा,
ओ, देशहित-प्रतिबद्ध यौवन के सपन, तुमको नमन है...
बहन के विश्वास, भाई के सखा, कुल के सहारे,
पिता के व्रत के फलित, मां के नयन, तुमको नमन है...
कंचनी तन, चांदनी मन, आह, आंसू, प्यार, सपने,
राष्ट्र के हित कर गए सब कुछ हवन, तुमको नमन है...
है नमन उनको, कि जिनको काल पाकर हुआ पावन,
है नमन उनको, कि जिनको मृत्यु पाकर हुई पावन...
शिखर जिनके चरण छूकर, और मानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े, पर आसमानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जो यश-काय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए हैं...
है नमन उनको, कि जिनके सामने बौना हिमालय...
Speechless....wonderful
ReplyDeleteहै नमन इस कृत्य को जो दिलो में भर गए हो
ReplyDeleteशारदा की लेखनी के पुण्य भागी हो गए है
नमन
DeleteJay hind best song
ReplyDeleteहै नमन उनको की जिनकी लेखनी में इतना दम है,
ReplyDeleteहै नमन उनको की जिनका देश के साथ मन है,
है नमन उनको की जिनकी वाणी शुद्ध पवित्र है
Kitna ganda likhte ho bhai tum!
DeleteHai naman unko
ReplyDeleteSo heart touching song
ReplyDeleteIt's the best kavita
ReplyDeleteWakai naman hai aise veer sapooton ko.Hai hind.
ReplyDeleteThanks to give us such a wonderful poem...
ReplyDeletejust wow
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर प्रस्तुति
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