स्वतंत्रता दिवस पे आप सभी को हार्दिक बधाई .......
स्वतंत्रता दिवस पे आप सभी को हार्दिक बधाई ..........
मुझे नहीं लगता की यहाँ का हर नागरिक पूर्ण रूप से स्वतंत्र है उसे किसी न किसी का कौफ है.भ्रस्टाचार इतना बढ़ गया है की लोगो में सम्मान नाम की कोई जगह ही नहीं बची....
राजनीत भी इतनी गन्दी हो गयी है की मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है कहने को ......
क्या कभी किसे ने सोचा है की वे देसभक्त कितने महान थे जिन्होंने भारत माँ के सम्मान के लिए अपना सब कुछ नेवछावर कर दिया और हम सब को जीवन जीने का एक मार्ग प्रसस्थ किया ...हमें स्वतंत्रता दिलाये भारत माँ के सम्मान की लग बचा के ......
आज हम अपने कर्तब्यौं को भूल चुके है ..हमे अपने सम्मान ,भारत माँ के सम्मान ,सब भूल चुके है ...हम अपने कर्मो को ताक पर रख दिए है....
यही कारण है की हमारे देश में भ्रस्टाचार का बोल बाला है लोग पैसे को अपना सब कुछ मानते है सम्मान की उनके पास कोई कीमत ही नहीं है,,,क्यूँ क्यूँ ........क्यूँ????????
एक बात याद रख्खो की यदि हम अपने कर्तब्यो को पूरा नहीं करेंगे,अपने सम्मान की रक्षा नहीं करेंगे, देश की रक्षा नहीं करेंगे तो
"ओ दिन दूर नहीं जब हम फिर से गुलामी की जंजीरों में बंधे होंगे"...
मै अपनी चंद पंक्तियों में इस ब्यथा को बतलाता हूँ....
आतंक
आतंक की चली हवा,
कोई नहीं टिक पायेगा
आएगा जो सामने ,
बेमौत मारा जायेगा |
अपने ही है साध्य जो ,
गुमराह है देवाने भी
वो खाक हो जायेंगे ,
मेरे सजदे में जो भी जायेगा|
जिस जगह होगी चिरागों पर,
हवाओ की नजर
फिर उजाला साथ मेरे,
कब तलक टिक पायेगा |
दिल में ये सब सोच कर ,
बेचैन हो उठते है हम
देखते ही देखते अपनों का,
घर फुक जायेगा |
यूँ ही गर बढता रहा,
वर्चस्व नेताओ का तो
एक दिन आएगा जब,
हिंदोस्ता मिट जायेगा ||
दीपेश मणि त्रिपाठी
बी. टेक
+९१-८०५४१४८९१७
मुझे नहीं लगता की यहाँ का हर नागरिक पूर्ण रूप से स्वतंत्र है उसे किसी न किसी का कौफ है.भ्रस्टाचार इतना बढ़ गया है की लोगो में सम्मान नाम की कोई जगह ही नहीं बची....
राजनीत भी इतनी गन्दी हो गयी है की मेरे पास कोई शब्द ही नहीं है कहने को ......
क्या कभी किसे ने सोचा है की वे देसभक्त कितने महान थे जिन्होंने भारत माँ के सम्मान के लिए अपना सब कुछ नेवछावर कर दिया और हम सब को जीवन जीने का एक मार्ग प्रसस्थ किया ...हमें स्वतंत्रता दिलाये भारत माँ के सम्मान की लग बचा के ......
आज हम अपने कर्तब्यौं को भूल चुके है ..हमे अपने सम्मान ,भारत माँ के सम्मान ,सब भूल चुके है ...हम अपने कर्मो को ताक पर रख दिए है....
यही कारण है की हमारे देश में भ्रस्टाचार का बोल बाला है लोग पैसे को अपना सब कुछ मानते है सम्मान की उनके पास कोई कीमत ही नहीं है,,,क्यूँ क्यूँ ........क्यूँ????????
एक बात याद रख्खो की यदि हम अपने कर्तब्यो को पूरा नहीं करेंगे,अपने सम्मान की रक्षा नहीं करेंगे, देश की रक्षा नहीं करेंगे तो
"ओ दिन दूर नहीं जब हम फिर से गुलामी की जंजीरों में बंधे होंगे"...
मै अपनी चंद पंक्तियों में इस ब्यथा को बतलाता हूँ....
आतंक
आतंक की चली हवा,
कोई नहीं टिक पायेगा
आएगा जो सामने ,
बेमौत मारा जायेगा |
अपने ही है साध्य जो ,
गुमराह है देवाने भी
वो खाक हो जायेंगे ,
मेरे सजदे में जो भी जायेगा|
जिस जगह होगी चिरागों पर,
हवाओ की नजर
फिर उजाला साथ मेरे,
कब तलक टिक पायेगा |
दिल में ये सब सोच कर ,
बेचैन हो उठते है हम
देखते ही देखते अपनों का,
घर फुक जायेगा |
यूँ ही गर बढता रहा,
वर्चस्व नेताओ का तो
एक दिन आएगा जब,
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दीपेश मणि त्रिपाठी
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